सुबह-सुबह भी सड़क की धूल माहौल में कोहरे की तरह फ़ैली हुई थी मुझे कालिदास से मिलना था विदिशा में। सुबह-सुबह भी सड़क की धूल माहौल में कोहरे की तरह फ़ैली हुई थी मुझे कालिदास से मिलना...
ले गई खिड़कियां। ले गई खिड़कियां।
इस जहाँ से सिर्फ उस जहाँ तक जाओगे बहुत दूर जाओगे तो आसमाँ तक जाओगे। गर खुदा ने बख् इस जहाँ से सिर्फ उस जहाँ तक जाओगे बहुत दूर जाओगे तो आसमाँ तक जाओगे। ग...
ज़िन्दगी ना जाने भटकती कहाँ कहाँ ज़िन्दगी ना जाने भटकती कहाँ कहाँ
धन्धा बदला जाये धन्धा बदला जाये
अब तो बस डराने लगी है होली अब कहाँ रही वो होली ! अब तो बस डराने लगी है होली अब कहाँ रही वो होली !